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कलरफूल स्कूल-
बच्चे रंगों के प्रति बहुत आकर्षित होते हैं। रंग उन्हें प्रेरित भी करते है तथा सकारात्मक ऊर्जा व सोच प्रदान करते हैं। इसी धारणा को रायपुर जिले के स्कूलों में परिणित किया जा रहा है। कक्षा 1 से 12वीं तक के अध्यापन कक्षों के रंग पृथक पृथक होंगे। बच्चा एक कक्षा से उत्तीर्ण होकर दूसरी कक्षा में जाएगा तो उसे परिवर्तन मिलेगा। वह अन्य कक्षा में जाने उत्सुक होगा व जिज्ञासु बना रहेगा। शिक्षक की अलग अलग रंग के कक्षा में जाने से स्फूर्ति महसूस करेंगें। आज सैकड़ों विद्यालयों ने बच्चों, शिक्षक एवं पालकों के सहभागिता से अपने विद्यालय को कलरफूल बना लिया है, इससे यह फायदा हुआ कि बच्चे अपने कक्षा को गंदा नहीं करते है। कलरफूल बनाने में औसतन 15 से 20 हजार रूपये खर्च आया है, जिसे जनसहयोग से जुटाया गया है। यह जागरूकता, स्वच्छता एवं स्वामित्व का अच्छा उदाहरण है, जिसे राज्य के अन्य स्कूलों में भी किया जा सकता है।